Monday 24 June 2019

बहते झरने की तरह वो प्यारी सी हंसी..मुद्दत बाद मिली झिलमिलाती सी..खूबसूरत सी ख़ुशी..

बेशक चेहरा उस मासूम का देख नहीं पाए..पर फिर भी लगा कही तो उस को देखा है..शायद

खवाबो मे..शायद मुझ मे..या शायद हर जन्म मे..झरनो को हम ने नज़दीक से बहते देखा है..

समंदर को उस की सतह पे गुजरते देखा है..क्या कीमत लगाए इस अनमोल हंसी की..सारी

ज़न्नत भी लुटा दे,कीमत फिर भी ना दे पाए गे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...