बहते झरने की तरह वो प्यारी सी हंसी..मुद्दत बाद मिली झिलमिलाती सी..खूबसूरत सी ख़ुशी..
बेशक चेहरा उस मासूम का देख नहीं पाए..पर फिर भी लगा कही तो उस को देखा है..शायद
खवाबो मे..शायद मुझ मे..या शायद हर जन्म मे..झरनो को हम ने नज़दीक से बहते देखा है..
समंदर को उस की सतह पे गुजरते देखा है..क्या कीमत लगाए इस अनमोल हंसी की..सारी
ज़न्नत भी लुटा दे,कीमत फिर भी ना दे पाए गे..
बेशक चेहरा उस मासूम का देख नहीं पाए..पर फिर भी लगा कही तो उस को देखा है..शायद
खवाबो मे..शायद मुझ मे..या शायद हर जन्म मे..झरनो को हम ने नज़दीक से बहते देखा है..
समंदर को उस की सतह पे गुजरते देखा है..क्या कीमत लगाए इस अनमोल हंसी की..सारी
ज़न्नत भी लुटा दे,कीमत फिर भी ना दे पाए गे..