छनन छनन यह चूड़ियाँ और माथे की बिंदिया..सजी मुस्कान होठो पे..क्यों लुभा रही मुझे, तेरे लबो
की शरारती सी नमकीन बतिया...राज़ छिपे है मुझ मे इतने,आँखों से सब ना कह पाए गे..चप-चप
कर के कितना बोले,तुम फिर भी समझ ना पाओ गे ..नटखट नैनो से संभल कर रहना,दिल तेरा ले
जाए गे..रूह का चैन जो उड़ा लिया हम ने,तुम किसी काम के फिर ना रह जाओ गे...
की शरारती सी नमकीन बतिया...राज़ छिपे है मुझ मे इतने,आँखों से सब ना कह पाए गे..चप-चप
कर के कितना बोले,तुम फिर भी समझ ना पाओ गे ..नटखट नैनो से संभल कर रहना,दिल तेरा ले
जाए गे..रूह का चैन जो उड़ा लिया हम ने,तुम किसी काम के फिर ना रह जाओ गे...