Tuesday, 25 June 2019

क्या है यह ज़िंदगी का फलसफा..कल मिलती है कुछ खास ख़ुशी,आज दिल दर्द से रोता है..चाहता

है फ़ना होना,मगर कुछ कर ही नहीं पाता है..बार बार बेचैन हुआ कभी रो देता है तो कभी बहुत उदास

हो जाता है..परवरदिगार तेरी इस दुनिया मे ऐसा क्यों होता है..ज़न्नत होती है बिलकुल पास,मगर

वो चार कदम पार करना ही क्यों नामुमकिन हो जाता है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...