क्या है यह ज़िंदगी का फलसफा..कल मिलती है कुछ खास ख़ुशी,आज दिल दर्द से रोता है..चाहता
है फ़ना होना,मगर कुछ कर ही नहीं पाता है..बार बार बेचैन हुआ कभी रो देता है तो कभी बहुत उदास
हो जाता है..परवरदिगार तेरी इस दुनिया मे ऐसा क्यों होता है..ज़न्नत होती है बिलकुल पास,मगर
वो चार कदम पार करना ही क्यों नामुमकिन हो जाता है..
है फ़ना होना,मगर कुछ कर ही नहीं पाता है..बार बार बेचैन हुआ कभी रो देता है तो कभी बहुत उदास
हो जाता है..परवरदिगार तेरी इस दुनिया मे ऐसा क्यों होता है..ज़न्नत होती है बिलकुल पास,मगर
वो चार कदम पार करना ही क्यों नामुमकिन हो जाता है..