गर्दिश मे सितारे हमारे थे और वह साथ किसी और के चल दिए...जिस के लिए मन्नते मांगी,वह तो
अमीरी की राह पे चल दिए..टूटना तो लाज़मी था,टूटन को छुपाना भी वाजिब था..खिलखिलाहट देख
कर हमारी,ज़िंदा कितना जहान था...खुद की टूटन दे रही थे कितनो को नई ज़िंदगी..मुस्कराहट से
खिल रही थी कोपलें बेहद प्यार से,फूल खिलते रहे हमारे रोज़ आने की इंतज़ार मे..क्यों बताते बुझ
गया अंदर से कुछ,जब की दीपक जल रहे थे हमारी इक मुस्कराहट से..
अमीरी की राह पे चल दिए..टूटना तो लाज़मी था,टूटन को छुपाना भी वाजिब था..खिलखिलाहट देख
कर हमारी,ज़िंदा कितना जहान था...खुद की टूटन दे रही थे कितनो को नई ज़िंदगी..मुस्कराहट से
खिल रही थी कोपलें बेहद प्यार से,फूल खिलते रहे हमारे रोज़ आने की इंतज़ार मे..क्यों बताते बुझ
गया अंदर से कुछ,जब की दीपक जल रहे थे हमारी इक मुस्कराहट से..