Sunday 16 June 2019

दोस्तों...मेरी शायरी को पसंद करने के लिए शुक्रिया..आभार..दोस्तों,मेरी शायरी का किसी भी इंसान या उस के जीवन के किसी भी पहलू से कोई सम्बन्ध नहीं है..इस को सिर्फ एक शायरा की शायरी मान कर,सुखद या दुखद एहसास महसूस कीजिये..अपनी प्रतिक्रियाए समय समय पे लिख कर मेरा हौसला-अफ़्जाई कीजिये...शुक्रिया..धन्यवाद ....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...