दोस्तों...मेरी शायरी को पसंद करने के लिए शुक्रिया..आभार..दोस्तों,मेरी शायरी का किसी भी इंसान या उस के जीवन के किसी भी पहलू से कोई सम्बन्ध नहीं है..इस को सिर्फ एक शायरा की शायरी मान कर,सुखद या दुखद एहसास महसूस कीजिये..अपनी प्रतिक्रियाए समय समय पे लिख कर मेरा हौसला-अफ़्जाई कीजिये...शुक्रिया..धन्यवाद ....
Sunday, 16 June 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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मुददत हो गई तुम से जुदा हुए,पल फिर दिन,फिर महीने और अब बरसो बीत चुके है... पर उस मुहबबत को,उस चाहत को आज भी भूल नही पाए है...बातो की वो ख...
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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तेरे एक इशारे पे दुनिया छोड दी हम ने--रासते तो मिलते रहे मगर मजिॅल तुमही पे रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी ह...