लिखते जा रहे है बरसो से,इश्के-दास्तां अपनी...शायद सदियों पुरानी है मुहब्बत यह अपनी..जन्म पे
जन्म लेने होंगे,तुझ को सही से समझने के लिए..दिल जो तेरा डरता है,उस को मजबूत बनाने के लिए..
सूरत बेशक किसी की ले ले,हम तो रूह की खुशबू से तुझ को सदियों से पहचानते आए है..दगा देना
बेशक तेरी फितरत हो,मगर हम तो खुदा से पाक मुहब्बत मांग कर लाए है..लौटना तो होगा तुझे ,क्यों कि
जन्म तो सारे तेरे नाम से ले कर आए है..
जन्म लेने होंगे,तुझ को सही से समझने के लिए..दिल जो तेरा डरता है,उस को मजबूत बनाने के लिए..
सूरत बेशक किसी की ले ले,हम तो रूह की खुशबू से तुझ को सदियों से पहचानते आए है..दगा देना
बेशक तेरी फितरत हो,मगर हम तो खुदा से पाक मुहब्बत मांग कर लाए है..लौटना तो होगा तुझे ,क्यों कि
जन्म तो सारे तेरे नाम से ले कर आए है..