Friday 7 June 2019

लिखते जा रहे है बरसो से,इश्के-दास्तां अपनी...शायद सदियों पुरानी है मुहब्बत यह अपनी..जन्म पे

जन्म लेने होंगे,तुझ को सही से समझने के लिए..दिल जो तेरा डरता है,उस को मजबूत बनाने के लिए..

सूरत बेशक किसी की ले ले,हम तो रूह की खुशबू से तुझ को सदियों से पहचानते आए है..दगा देना

बेशक तेरी फितरत हो,मगर हम तो खुदा से पाक मुहब्बत मांग कर लाए है..लौटना तो होगा तुझे ,क्यों कि

जन्म तो सारे तेरे नाम से ले कर आए है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...