यह कौन सी लौ है,जो सीधे सादे मासूम से दिल की बाती से जलती है..वादा कर रहा है दिल इस बाती
से,तू जलते रहना सदियों तक..जब तल्क मुहब्बत का पाक रूप कायम है..अँधिया आए या जलजला
तुम्हे थामे रहू गा मैं सदा..जिस्मो का क्या है,कभी तो फ़ना होना है..मगर मुहब्बत को हमेशा ज़िंदा
रहना है..इक दूजे की रूह मे शिरकत करे गे हर जन्म,जिस्म बदल जाए गे मगर तेरी-मेरी रूह मे
वो फिर समा जाए गे...
से,तू जलते रहना सदियों तक..जब तल्क मुहब्बत का पाक रूप कायम है..अँधिया आए या जलजला
तुम्हे थामे रहू गा मैं सदा..जिस्मो का क्या है,कभी तो फ़ना होना है..मगर मुहब्बत को हमेशा ज़िंदा
रहना है..इक दूजे की रूह मे शिरकत करे गे हर जन्म,जिस्म बदल जाए गे मगर तेरी-मेरी रूह मे
वो फिर समा जाए गे...