परिभाषा प्रेम की..प्रेम मे क्या पाना है,क्या खोना है..इस मे तो बस डूब जाना है..राधा तो राधा बन
जाए गी,पर कृष्ण किस हद तक साथ निभा पाए गा..क्या राधा के लिए अपना सर्वस्व छोड़ पाए गा..
सदियों का साथ पाने के लिए,एक जन्म की जुदाई क्या सह पाए गे..राधा-कृष्ण के अलौकिक प्रेम
को समझ पाए गे ..कलयुग मे अगर राधा होगी तो कृष्ण भी यही मिल जाए गे...
जाए गी,पर कृष्ण किस हद तक साथ निभा पाए गा..क्या राधा के लिए अपना सर्वस्व छोड़ पाए गा..
सदियों का साथ पाने के लिए,एक जन्म की जुदाई क्या सह पाए गे..राधा-कृष्ण के अलौकिक प्रेम
को समझ पाए गे ..कलयुग मे अगर राधा होगी तो कृष्ण भी यही मिल जाए गे...