लौटना--और लौट के फिर नए आगाज़ से चलना...महकना है मगर खुद को पीछे छोड़ देना..उलझनों
को समझना मगर अपनी उलझने छुपा लेना..आंसुओ को सिरे से विदा करना,खुद को ही बदल लेना..
चाहतों को फिर पुराने बक्से मे संभाल कर रख देना,बिंदास जीना और बेखौफ हो कर दुनिया को
खुशियाँ देना...खुद से खुद को पराया कर देना,मगर ज़माने को प्यारी सी मुस्कराहट देना....
को समझना मगर अपनी उलझने छुपा लेना..आंसुओ को सिरे से विदा करना,खुद को ही बदल लेना..
चाहतों को फिर पुराने बक्से मे संभाल कर रख देना,बिंदास जीना और बेखौफ हो कर दुनिया को
खुशियाँ देना...खुद से खुद को पराया कर देना,मगर ज़माने को प्यारी सी मुस्कराहट देना....