फिर कर रहे है शुक्राना तुझे मालिक..कदम कदम पे साथ देने के लिए..दौलत भी नहीं,शोहरत भी
नहीं..जग दे रहा है इतना मान,कि तुझे यह भी ना कहे..जो मिल रहा है वो सिर्फ तेरी वजह से है..
नैनो ने कहा, मेरी इबादत का जो सिला तुम ने दिया,हम तो खुदा आप के सज़दे मे फिर से हज़ारो
बार झुक गए...बस रखना मुझे,जमीन पे कि आसमां को छूना तो है हसरत मेरी..पर पांव रहे इस
जमीन पर,इतना करम करना अपने वादों से ना मुकरे कभी..आमीन...
नहीं..जग दे रहा है इतना मान,कि तुझे यह भी ना कहे..जो मिल रहा है वो सिर्फ तेरी वजह से है..
नैनो ने कहा, मेरी इबादत का जो सिला तुम ने दिया,हम तो खुदा आप के सज़दे मे फिर से हज़ारो
बार झुक गए...बस रखना मुझे,जमीन पे कि आसमां को छूना तो है हसरत मेरी..पर पांव रहे इस
जमीन पर,इतना करम करना अपने वादों से ना मुकरे कभी..आमीन...