आसमां की बुलंदियों को छूना है,आगे जाना है इतना कि सब को पीछे छोड़ देना है..नज़र ज़माने की
कहां लगती है,जब कोई खास दुआ साथ साथ चलती है..बिखरते तो वो है जिन को दुआओँ पे यकीं
नहीं होता..कुदरत का करिश्मा है,दुआ से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता..बेशक मेरी बातो का यकीन ना
कर,पर जो सच आए गा उस को क़बूल करने की हिम्मत तो रख..
कहां लगती है,जब कोई खास दुआ साथ साथ चलती है..बिखरते तो वो है जिन को दुआओँ पे यकीं
नहीं होता..कुदरत का करिश्मा है,दुआ से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता..बेशक मेरी बातो का यकीन ना
कर,पर जो सच आए गा उस को क़बूल करने की हिम्मत तो रख..