किसी ने आज दिया ऐसा एहसास कि यह ज़िंदगी लगी बहुत प्यारी प्यारी..हवा बहुत गर्म है मगर
ऐसा लगा बरखा बरसी है जम कर आज ..किसी ने फिर आज रूह मेरी को नज़दीक से छू लिया..
लगा ऐसे पत्थर को पिघला कर पारस कर दिया जैसे..नरम नरम सी दूब उस पे किसी ने,झरना
बहा दिया जैसे.. बहुत हलके से हो गए है, मोतियों मे तोल दिया हो किसी ने जैसे..
ऐसा लगा बरखा बरसी है जम कर आज ..किसी ने फिर आज रूह मेरी को नज़दीक से छू लिया..
लगा ऐसे पत्थर को पिघला कर पारस कर दिया जैसे..नरम नरम सी दूब उस पे किसी ने,झरना
बहा दिया जैसे.. बहुत हलके से हो गए है, मोतियों मे तोल दिया हो किसी ने जैसे..