दोस्तों..आज हर दूसरी पोस्ट पे नए साल के लिए अलग अलग सन्देश दिख रहे है..कोई अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांगने का सन्देश दे रहा है तो कुछ सब की ख़ुशी के लिए दुआए..क्या फर्क है गुजरते साल मे और आने वाले कल के नए साल मे..कुछ भी तो नहीं..हा..फर्क है सिर्फ सही सोच का...अगर आप ने किसी बेकसूर का मन आहत किया है,सिर्फ इसलिए कि वो आप से बेहद सनेह-दुलार करता है या फिर वो आप से कही कमतर है..तो आज से अभी से अपनी गलती को स्वीकार कीजिए..और वो गलती अगले साल तक फिर ना हो,इस का वचन खुद को दीजिए.झूठ बोल कर किसी को दुखी मत कीजिए..आप जो है,जैसे है वैसे ही रहे...अगर हम सभी यह संकल्प आज और अभी ले तभी तो नए साल,नए दिन का महत्त्व है..बाकी लिखने के लिए तो कुछ भी लिख दे,क्या फर्क पड़ता है...अगर किसी को सम्मान नहीं दे सकते तो कम से कम उस का अपमान मत करे..हम हिन्दुस्तानी है,यही हमारे संस्कार बोलते है..किसी का दिल दुखा कर,उस को बेइज़्ज़त कर के आप या हम कभी सुखी और खुश नहीं हो सकते...नए साल का इस तरह से आगमन कीजिए ना...शुभकामनाये सभी के लिए..
Tuesday, 31 December 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
-
एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
-
आहटे कभी झूट बोला नहीं करती,वो तो अक्सर रूह को आवाज़ दिया करती है...मन्नतो की गली से निकल कर,हकीकत को इक नया नाम दिया करती है...बरकत देती ...
-
मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...