Monday 30 December 2019

ऐतबार किया तभी तो प्यार का मतलब समझ आया..यकीन को खुद मे भरा तो फलसफा मुहब्बत

का नज़र आया..कुछ भी नहीं माँगा तभी तो जाना,मुहब्बत सज़दे के सिवा कुछ भी नहीं..सलामती

मांग कर भी खामोश रहे,मुहब्बत की दास्तां मे यह भी मुकाम खास पाया..रात भर जागे मगर उफ़ भी

ना की,तभी तो रात होने का मतलब खवाब ही पाया..सुबह सूरज की किरणों ने जगाया तो रात भर

जागने का मतलब समझ आया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...