Wednesday 11 December 2019

शहजादी हू मैं,बेनाम देश की...परी हू मैं,अनजाने से आसमां की..कुछ खास नहीं,पर बहुत खास हू...

जो सब के दिलो को छू जाए,ऐसी इंसान हू..दर्द जो अपना छुपा ले,मगर तकलीफ जो सभी की जाने..

हाथ मे बेशक कुछ भी नहीं,मगर दुआ से भरी हू सभी के लिए..हाथ की इन लकीरो मे क्या है मेरे,पर

हर जरूरतमंद के लिए यह हाथ उठे रहे है मेरे...लाड-दुलार की मांग लिए,सब से सम्मान का एहसास

लिए..ऐसी ही परी और ऐसी ही इक शहजादी हू मैं....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...