शहजादी हू मैं,बेनाम देश की...परी हू मैं,अनजाने से आसमां की..कुछ खास नहीं,पर बहुत खास हू...
जो सब के दिलो को छू जाए,ऐसी इंसान हू..दर्द जो अपना छुपा ले,मगर तकलीफ जो सभी की जाने..
हाथ मे बेशक कुछ भी नहीं,मगर दुआ से भरी हू सभी के लिए..हाथ की इन लकीरो मे क्या है मेरे,पर
हर जरूरतमंद के लिए यह हाथ उठे रहे है मेरे...लाड-दुलार की मांग लिए,सब से सम्मान का एहसास
लिए..ऐसी ही परी और ऐसी ही इक शहजादी हू मैं....
जो सब के दिलो को छू जाए,ऐसी इंसान हू..दर्द जो अपना छुपा ले,मगर तकलीफ जो सभी की जाने..
हाथ मे बेशक कुछ भी नहीं,मगर दुआ से भरी हू सभी के लिए..हाथ की इन लकीरो मे क्या है मेरे,पर
हर जरूरतमंद के लिए यह हाथ उठे रहे है मेरे...लाड-दुलार की मांग लिए,सब से सम्मान का एहसास
लिए..ऐसी ही परी और ऐसी ही इक शहजादी हू मैं....