Wednesday 4 December 2019

''आबाद तुझे बहुत ज़िंदगियां करनी होगी..कितनों को शिखर पे पहुँचाना होगा..दर्द तेरे दिल मे कितना

भी भरा हो बेशक..मगर औरो के सुख और ख़ुशी के लिए तुझे खुद को,पूजा के धागों को निश्छल मन

से बुनना होगा..मेरे दिए संस्कारो को आखिरी सांस तक तुझ को निभाना ही होगा.'' गूंज रहे है वो लफ्ज़

हर पल मेरे कानो मे..संस्कारो को अपनी आखिरी सांस तक निभाए गे बाबा..सब को दे गे ख़ुशी,जितने

धागे पूजा के बांध सके दूजो की ख़ुशी के लिए,बांधे गे..डर के नहीं जीना है,खुद्दारी मे अपनी रहना है..

यह वचन भी बाबा,आप की कसम मरते दम तक निभाए गे..सहज सरल हमेशा रह कर,आप की बेटी

होने का धर्म निभाए गे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...