खड़े थे हम सामने और वो हमी को देख मुस्कुरा दिए..सोच मे हम पड़ गए,क्या कीमत अदा करे अब
तेरी पहली पहली मुस्कान की..सोच मे इतना पड़े कि बरखा आ गई आसमान से..शायद उस को भी
इंतज़ार था तेरी इसी भोली सी पहली मुस्कान का..नज़र उतार दी झट से हम ने मासूम सी इस मुस्कान
की..अभी तो बरखा ने किया है तेरा इस्तकबाल,अब कही धरती ना झूमे ख़ुशी से बारम्बार..देख ना,इस
मुस्कान की कीमत बहुत खास है,होश मे हम नहीं और तू माशाल्लाह...लाजवाब है...
तेरी पहली पहली मुस्कान की..सोच मे इतना पड़े कि बरखा आ गई आसमान से..शायद उस को भी
इंतज़ार था तेरी इसी भोली सी पहली मुस्कान का..नज़र उतार दी झट से हम ने मासूम सी इस मुस्कान
की..अभी तो बरखा ने किया है तेरा इस्तकबाल,अब कही धरती ना झूमे ख़ुशी से बारम्बार..देख ना,इस
मुस्कान की कीमत बहुत खास है,होश मे हम नहीं और तू माशाल्लाह...लाजवाब है...