Friday 13 December 2019

खड़े थे हम सामने और वो हमी को देख मुस्कुरा दिए..सोच मे हम पड़ गए,क्या कीमत अदा करे अब

तेरी पहली पहली मुस्कान की..सोच मे इतना पड़े कि बरखा आ गई आसमान से..शायद उस को भी

इंतज़ार था तेरी इसी भोली सी पहली मुस्कान का..नज़र उतार दी झट से हम ने मासूम सी इस मुस्कान

की..अभी तो बरखा ने किया है तेरा इस्तकबाल,अब कही धरती ना झूमे ख़ुशी से बारम्बार..देख ना,इस

मुस्कान की कीमत बहुत खास है,होश मे हम नहीं और तू माशाल्लाह...लाजवाब है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...