उजाले की हिफाज़त के लिए,अँधेरे को दूर रखा हम ने..अँधेरे जो बेइंतिहा दर्द देते रहे,अँधेरे जो हर
बार और बार-बार हिम्मत को तोड़ते रहे..खामोश रहना और अँधेरे का तमाम दर्द खुद से पी जाना..
और उफ़ भी ना करना..उजाले की इक नन्ही सी किरण के लिए,बहुत लड़े हम इन अंधेरो से...दुनियाँ
बेशक दाद देती रही हमारी हिम्मत की,पर ऐतबार किसी पे हम ना कर सके..मुस्कुराते रहे इतना कि
दर्द अँधेरे का हम से हार गया..उजाला मिला बरसो बाद मगर दर्द का इम्तिहान वो भी लेने लगा..अब
ऐतबार दोनों पे नहीं,ना अँधेरे पे ना उजाले पे..हिम्मत असली साथी है,जो हमकदम बन साथ चलता रहा..
बार और बार-बार हिम्मत को तोड़ते रहे..खामोश रहना और अँधेरे का तमाम दर्द खुद से पी जाना..
और उफ़ भी ना करना..उजाले की इक नन्ही सी किरण के लिए,बहुत लड़े हम इन अंधेरो से...दुनियाँ
बेशक दाद देती रही हमारी हिम्मत की,पर ऐतबार किसी पे हम ना कर सके..मुस्कुराते रहे इतना कि
दर्द अँधेरे का हम से हार गया..उजाला मिला बरसो बाद मगर दर्द का इम्तिहान वो भी लेने लगा..अब
ऐतबार दोनों पे नहीं,ना अँधेरे पे ना उजाले पे..हिम्मत असली साथी है,जो हमकदम बन साथ चलता रहा..