नींद को आने दीजिए अब अपनी आगोश मे,कल की सुबह बहुत खूबसूरत होने को है...रात को ना
बिताना तारो को गिनते गिनते,कल मुहब्बत की फ़रियाद पूरी होने को है...बेवजह उदासी को अपना
साथी ना बना,तेरा हमराज़ तेरे हर राज़ को सुने,यह भी होने को है...कुदरत बिछा रही है फूलो को तेरे
कदमो के तले,अब यह नज़ारा तुझे दिख जाए..यक़ीनन यह बहार बस आने को है..नींद को अब आने
दीजिए अपनी आगोश मे,बस नई सुबह आने आने को है...
बिताना तारो को गिनते गिनते,कल मुहब्बत की फ़रियाद पूरी होने को है...बेवजह उदासी को अपना
साथी ना बना,तेरा हमराज़ तेरे हर राज़ को सुने,यह भी होने को है...कुदरत बिछा रही है फूलो को तेरे
कदमो के तले,अब यह नज़ारा तुझे दिख जाए..यक़ीनन यह बहार बस आने को है..नींद को अब आने
दीजिए अपनी आगोश मे,बस नई सुबह आने आने को है...