Monday 23 December 2019

रात-रात भर हम जागे तेरी सलामती के लिए...तुझे कोई तकलीफ ना हो,सज़दे मे खरे उतरे..खुदा

को सच बताने के लिए..झूठ को पर्दानशीं का नाम क्यों देते,अपने भगवान् से भला धोखा क्यों करते..

हम ने आवाज़ दी उस को तुझे सौ बरस देने के लिए,सौ बरस मतलब ज़िंदगी को सहज जीने के लिए..

विश्वास की हर सीमा को पार किया,पूजा अपनी को सार्थक करने के लिए..फिर तेरी इस बात से क्यों

बेहद दर्द हुआ...कि अपने तो अपने होते है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...