Saturday 21 December 2019

तन्हा ना रहो,ना उदास रहो..यह ज़िंदगी है यारा..इस से प्यार करो..कदम-कदम पे यहाँ बिकती है

ज़िल्लतो की कहानियाँ..बेवफा कब हो जाए यह ज़िंदगी की दास्तां,चुन ले फूल और भूल जा काँटों

की चुभती हुई काली कहानियाँ..जीना हम ने भी ऐसे ही सीखा है..जिन जिन काँटों ने दर्द दिया,प्यार

से दामन छुड़ा,आसमाँ की ऊचाईया को देखा और रास्ता खुद से खुद बना लिया..आज फूल साथ है,

इबादत की बात करे तो दिल मे खुदा का खौफ है..बस तन्हा ना रहो...यही ज़िंदगी है..यारा,इस से प्यार

करो...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...