कौन जाने कल क्या होने वाला है ..क्या पता किस को कहा जाना है..जीवन-रेखा से परे जहां कही
और बसाना है..यह कदम चलते-चलते कहा किस और मुड़ जाने है..बेफिक्री रहनी है या गहरे फ़िक्र
मे किसी को आना है..क्या पता इन सितारों की दिशा किस और जानी है..साँसों को मोहलत कितनी
किस को मिल जानी है..मुस्कुरा लेते है तब तल्क़,जब तक यह सांस आनी-जानी है..
और बसाना है..यह कदम चलते-चलते कहा किस और मुड़ जाने है..बेफिक्री रहनी है या गहरे फ़िक्र
मे किसी को आना है..क्या पता इन सितारों की दिशा किस और जानी है..साँसों को मोहलत कितनी
किस को मिल जानी है..मुस्कुरा लेते है तब तल्क़,जब तक यह सांस आनी-जानी है..