बूंदे बरसती रही टप टप सारी रात...और हम समय को गिनते रहे सारी रात..दिल और दिमाग की
जंग मे पलड़ा भारी रहा दोनों का...दिल जो कलम को देता रहे गा शब्द मुहब्बत के..दिमाग जो साथ
दे गा शिद्दत से यह दिल को बताने के लिए..मुहब्बत को समझा इस ज़माने को यह बताने के लिए,
पाक रूह है तो मुहब्बत साथ देती जाए गी,जो मिलावट आ गई प्यार मे तो वो खुद ही खुद से रुखसत
हो जाए गी..ईमान जो डोला किसी और के लिए,दिल की ईमारत तो खुद ही हिल जाए गी..
जंग मे पलड़ा भारी रहा दोनों का...दिल जो कलम को देता रहे गा शब्द मुहब्बत के..दिमाग जो साथ
दे गा शिद्दत से यह दिल को बताने के लिए..मुहब्बत को समझा इस ज़माने को यह बताने के लिए,
पाक रूह है तो मुहब्बत साथ देती जाए गी,जो मिलावट आ गई प्यार मे तो वो खुद ही खुद से रुखसत
हो जाए गी..ईमान जो डोला किसी और के लिए,दिल की ईमारत तो खुद ही हिल जाए गी..