धरती-आसमां कब मिला करते है..गज़ब तो यह है कि वो ना मिल के भी हर वक़्त मिला करते है...दूरी
भले है कितनी,देख कर रोज़ दोनों इक दूजे को संभाला करते है..एहसास ही तो है,जिस ने दोनों को साथ
ना हो के भी साथ बांधे रखा है..लाजवाब है रिश्ता,जिस को कोई ना तोड़ सकता है..नाराज़ है धरा अगर
तो आसमां खुल के रोया करता है..गज़ब रिश्ते का नाम है ,धरती भी उस के नीर को खुद मे पूरी तरह
जज्ब कर लिया करती है...
भले है कितनी,देख कर रोज़ दोनों इक दूजे को संभाला करते है..एहसास ही तो है,जिस ने दोनों को साथ
ना हो के भी साथ बांधे रखा है..लाजवाब है रिश्ता,जिस को कोई ना तोड़ सकता है..नाराज़ है धरा अगर
तो आसमां खुल के रोया करता है..गज़ब रिश्ते का नाम है ,धरती भी उस के नीर को खुद मे पूरी तरह
जज्ब कर लिया करती है...