डर डर के जीना..जीवन की हर परेशानी को पहेली बना उलझा लेना..जरा से दर्द पे घबरा जाना..
ऊपरी सतह से दुनियाँ को जताना,हम बहुत काबिल है..बीच राह मे इत्तेफाक से हम को मिलना..
हम,जो जंग को भी लड़ते है इत्मीनान से..दुखों से सौदा करते है तो भी सकून और आराम से..
दुनियाँ ख़िताब देती है,ख़ुशनसीब इंसान का..हा,खुशनसीबी से भरे है सारे के सारे..मुश्किले डर
कर खुद ही हमे रास्ता देती है..हम मुस्कुरा दे तो बाइज़्ज़त खुद को ही बरी कर देती है..हा,दुनियाँ
वालो....यक़ीनन खुशनसीब है हम..दर्दो से मुहब्बत कर के,खुद ही को प्यार कर लेते है हम...
ऊपरी सतह से दुनियाँ को जताना,हम बहुत काबिल है..बीच राह मे इत्तेफाक से हम को मिलना..
हम,जो जंग को भी लड़ते है इत्मीनान से..दुखों से सौदा करते है तो भी सकून और आराम से..
दुनियाँ ख़िताब देती है,ख़ुशनसीब इंसान का..हा,खुशनसीबी से भरे है सारे के सारे..मुश्किले डर
कर खुद ही हमे रास्ता देती है..हम मुस्कुरा दे तो बाइज़्ज़त खुद को ही बरी कर देती है..हा,दुनियाँ
वालो....यक़ीनन खुशनसीब है हम..दर्दो से मुहब्बत कर के,खुद ही को प्यार कर लेते है हम...