Thursday 5 December 2019

परतें जब जब दिल की खुलने लगी..मन की गांठे एक एक कर सुलझने लगी..रफ्ता रफ्ता करीब आने

लगे..शाम के धुंधलके की इंतज़ार मे,दो दिल गुफ्तगू की तलाश मे नज़दीक आने लगे..कुछ मासूम सी

बातें,कभी इक दूजे को समझने के लिए अनकही छोटी छोटी मुलाकातें...शुद्ध है प्रेम इतना,जन्मो का

गहरा नाता बदल रहा है दोनों को,एक-दूजे जैसा..बेशक दो जिस्म दिखते है,मगर रूह मे तो एक जैसे

है..सदियों बाद दो रूहे धरती पे उतरी है,कौन जाने कब से धरा पे आने को तरसी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...