परतें जब जब दिल की खुलने लगी..मन की गांठे एक एक कर सुलझने लगी..रफ्ता रफ्ता करीब आने
लगे..शाम के धुंधलके की इंतज़ार मे,दो दिल गुफ्तगू की तलाश मे नज़दीक आने लगे..कुछ मासूम सी
बातें,कभी इक दूजे को समझने के लिए अनकही छोटी छोटी मुलाकातें...शुद्ध है प्रेम इतना,जन्मो का
गहरा नाता बदल रहा है दोनों को,एक-दूजे जैसा..बेशक दो जिस्म दिखते है,मगर रूह मे तो एक जैसे
है..सदियों बाद दो रूहे धरती पे उतरी है,कौन जाने कब से धरा पे आने को तरसी है...
लगे..शाम के धुंधलके की इंतज़ार मे,दो दिल गुफ्तगू की तलाश मे नज़दीक आने लगे..कुछ मासूम सी
बातें,कभी इक दूजे को समझने के लिए अनकही छोटी छोटी मुलाकातें...शुद्ध है प्रेम इतना,जन्मो का
गहरा नाता बदल रहा है दोनों को,एक-दूजे जैसा..बेशक दो जिस्म दिखते है,मगर रूह मे तो एक जैसे
है..सदियों बाद दो रूहे धरती पे उतरी है,कौन जाने कब से धरा पे आने को तरसी है...