कलम तो हाथ मे लिए बैठे है..मगर लिखावट तो दिल की ही है...दिल जो गूढ़ प्यार की बात करता है..
और कलम तो कलम है,उसी का आदेश मान पन्नो पे सब उतारती रहती है...दिल जो भरा है बेहिसाब
प्यार से,कलम को बस लिखना है इस को प्रेम-ग्रन्थ के हिसाब से...रहने के लिए सदा तो नहीं आए इस
जहान मे..फिर क्यों ना ऐसा लिख जाए जिसे सदियों याद रखे यह जहाँ,हमारे नाम से..नफरत नहीं बस
प्रेम को हर दिल मे यू बसा जाए गे,जब भी प्यार की बात होगी लोगो को हम ही हम...याद आए गे..
और कलम तो कलम है,उसी का आदेश मान पन्नो पे सब उतारती रहती है...दिल जो भरा है बेहिसाब
प्यार से,कलम को बस लिखना है इस को प्रेम-ग्रन्थ के हिसाब से...रहने के लिए सदा तो नहीं आए इस
जहान मे..फिर क्यों ना ऐसा लिख जाए जिसे सदियों याद रखे यह जहाँ,हमारे नाम से..नफरत नहीं बस
प्रेम को हर दिल मे यू बसा जाए गे,जब भी प्यार की बात होगी लोगो को हम ही हम...याद आए गे..