गुस्ताखी कर ना कर,राहों मे तेरी फिर भी आए गे..कशिश ही कुछ ऐसी है हम मे,तेरे दिल को तुझी
से ले जाए गे..नज़ारा देखा है कभी समंदर का,बहुत गुमान है उस को अपनी गहराई पे..अक्सर रुक
जाता है सतह पे,खुद को सहज बताने के लिए...यह जाने बगैर कि वो खारा है अंदर से कितना..वही
बात तो तुझ मे है..एहसास है तुझे कि तू कितना खारा है,बिन मेरे तेरा कहा गुजारा है..आना ही पड़े गा
पास मेरे तुझ को,कि मीठा होना हम ने ही तुझ को सिखाया है...
से ले जाए गे..नज़ारा देखा है कभी समंदर का,बहुत गुमान है उस को अपनी गहराई पे..अक्सर रुक
जाता है सतह पे,खुद को सहज बताने के लिए...यह जाने बगैर कि वो खारा है अंदर से कितना..वही
बात तो तुझ मे है..एहसास है तुझे कि तू कितना खारा है,बिन मेरे तेरा कहा गुजारा है..आना ही पड़े गा
पास मेरे तुझ को,कि मीठा होना हम ने ही तुझ को सिखाया है...