Saturday 7 December 2019

शुद्ध है या परिशुद्ध है प्रेम,यह तो इंतज़ार ही बताता जाए गा..मिलना है या फिर कभी भी नहीं मिलना

है,यह तो कुदरत का फैसला ही बतलाए गा...इबादत मे ताकत किस की होगी,जवाब तक़दीर का खास

दिन ही बताए गा..दुःख-तकलीफ़ों को कौन जयदा सह पाए गा,पैमाना सहने का ही बता पाए गा..सब

छोड़ दे खुदा की मर्ज़ी पे,तेरा-मेरा मुक़द्दर लिखने वो ही आए गा..हिम्मत को साथ रखना है,मुस्कराहट

को संभाल कर रखना है..देख शुद्ध प्रेम,खुदा भी रास्ता खोलने आ जाए गा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...