बहुत शिद्दत से बिछ रहे है आप की राहो मे..कोई कांटा कही आप को दर्द भी ना दे,यह सोच कर
हम ने खुद को सिरे से सजा दिया आप की मुश्किल राहो मे...अनंत काल का यह प्यार,किसी सीमा
से नहीं बंधा...आप से क्या मांगे गे,क्या आप दे पाए गे...इन सवालों से परे,किसी भी सवाल के घेरे
मे नहीं डाले गे हम आप को...पाक रहे गे तो खुद ही खुदा की नज़रों मे उठ जाए गे..इम्तिहान तो उसी
को देना है,आप को बेवजह कुछ भी ना बताए गे...
हम ने खुद को सिरे से सजा दिया आप की मुश्किल राहो मे...अनंत काल का यह प्यार,किसी सीमा
से नहीं बंधा...आप से क्या मांगे गे,क्या आप दे पाए गे...इन सवालों से परे,किसी भी सवाल के घेरे
मे नहीं डाले गे हम आप को...पाक रहे गे तो खुद ही खुदा की नज़रों मे उठ जाए गे..इम्तिहान तो उसी
को देना है,आप को बेवजह कुछ भी ना बताए गे...