Sunday, 29 December 2019

प्यार को प्यार से ढाला और प्यार मुकम्मल हो गया...प्यार को जो नज़ाकत से तराशा तो वो सदा के लिए

हमारा हो गया..ना कोई बंदिश ना कोई वादा,फिर भी प्यार आसमां को छू गया...अब तो आसमां की

खवाइश है,वो रखे इस प्यार को आधा या फिर अधूरा..या मेहरबानी इतनी रहे,वो प्यार को दे आसरा

पूरा..प्यार मे तपिश रही इतनी जय्दा,आसमां आखिर झुका और धरती बनी गवाह उस से जयदा..अब

प्यार प्यार पे कुर्बान है खुद से भी जयदा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...