प्यार को प्यार से ढाला और प्यार मुकम्मल हो गया...प्यार को जो नज़ाकत से तराशा तो वो सदा के लिए
हमारा हो गया..ना कोई बंदिश ना कोई वादा,फिर भी प्यार आसमां को छू गया...अब तो आसमां की
खवाइश है,वो रखे इस प्यार को आधा या फिर अधूरा..या मेहरबानी इतनी रहे,वो प्यार को दे आसरा
पूरा..प्यार मे तपिश रही इतनी जय्दा,आसमां आखिर झुका और धरती बनी गवाह उस से जयदा..अब
प्यार प्यार पे कुर्बान है खुद से भी जयदा..
हमारा हो गया..ना कोई बंदिश ना कोई वादा,फिर भी प्यार आसमां को छू गया...अब तो आसमां की
खवाइश है,वो रखे इस प्यार को आधा या फिर अधूरा..या मेहरबानी इतनी रहे,वो प्यार को दे आसरा
पूरा..प्यार मे तपिश रही इतनी जय्दा,आसमां आखिर झुका और धरती बनी गवाह उस से जयदा..अब
प्यार प्यार पे कुर्बान है खुद से भी जयदा..