Tuesday 3 December 2019

 तकरार से हासिल क्या होगा,जब प्यार नख से शिख तक बरस रहा है..तुझे जीतना क्यों,तुझे हासिल

भी करना क्यों..जब मुहब्बत हमारी खुद ही तुझे हम से बांधे है..साफगोई मन मे लिए,निश्छल प्यार

जब है कायम रूह मे तेरे लिए..सदियों तल्क़ कोई शिकायत भी नहीं तेरे लिए..बस एक ही गुजारिश

तेरे लिए,प्यार का यह दर खोले रखना सिर्फ और सिर्फ...सिर्फ और सिर्फ..मेरे लिए..इस के सिवा कुछ

और ना चाहिए होगा मुझे तुझ से कभी मेरेलिए ...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...