फुर्सत ही कहां है अरे ज़िंदगी,तेरे दिए दर्द-दुखो से मिलने की..बेबस कर तू चाहे जितना,कदम तो
चले गे फिर भी उतने...हिम्मत जो छोड़ दे गे तो तेरे ही इंसा रुला रुला कर मार डाले गे..बेशक
एक अजब ताकत चल रही है साथ हमारे,जिस के तहत पूरा जहाँ जीत जाए गे..कुछ नरमी से तो
कुछ ख़ामोशी से,लाखो दिलो पे राज़ किया है हम ने..आज जो हासिल कर पाए है,किन्ही खास दुआओ
मे रह कर ही कर पाए है..बात याद हमेशा रखते है,ज़िंदगी और मौत मे ''सिर्फ एक सांस'' का फासला
होता है..
चले गे फिर भी उतने...हिम्मत जो छोड़ दे गे तो तेरे ही इंसा रुला रुला कर मार डाले गे..बेशक
एक अजब ताकत चल रही है साथ हमारे,जिस के तहत पूरा जहाँ जीत जाए गे..कुछ नरमी से तो
कुछ ख़ामोशी से,लाखो दिलो पे राज़ किया है हम ने..आज जो हासिल कर पाए है,किन्ही खास दुआओ
मे रह कर ही कर पाए है..बात याद हमेशा रखते है,ज़िंदगी और मौत मे ''सिर्फ एक सांस'' का फासला
होता है..