Friday 27 December 2019

फुर्सत ही कहां है अरे ज़िंदगी,तेरे दिए दर्द-दुखो से मिलने की..बेबस कर तू चाहे जितना,कदम तो

 चले गे फिर भी उतने...हिम्मत जो छोड़ दे गे तो तेरे ही इंसा रुला रुला कर मार डाले गे..बेशक

एक अजब ताकत चल रही है साथ हमारे,जिस के तहत पूरा जहाँ जीत जाए गे..कुछ नरमी से तो

कुछ ख़ामोशी से,लाखो दिलो पे राज़ किया है हम ने..आज जो हासिल कर पाए है,किन्ही खास दुआओ

मे रह कर ही कर पाए है..बात याद हमेशा रखते है,ज़िंदगी और मौत मे ''सिर्फ एक सांस'' का फासला

होता है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...