धड़कनें बहुत धक् धक् करे गर आज तेरी..तो समझ लेना दिल कही दूर जाने को है...पसीना गर माथे
पे बरबस आने लगे,समझना तू खुद से ही जुदा होने को है..कदम बेसाख्ता मेरी और चलने लगे,नशा
मुहब्बत का भारी होने को है...नींद की आगोश मे जाते-जाते गर ख्याल हमारा,नींद उड़ाने लगे तो या
अल्लाह--तेरा अंजाम खतरे मे आने को है..इतना कुछ गर होने को है,तो तौबा तौबा मेरी..तेरी मंज़िले-
मुहब्बत बस तेरी होने को है...
पे बरबस आने लगे,समझना तू खुद से ही जुदा होने को है..कदम बेसाख्ता मेरी और चलने लगे,नशा
मुहब्बत का भारी होने को है...नींद की आगोश मे जाते-जाते गर ख्याल हमारा,नींद उड़ाने लगे तो या
अल्लाह--तेरा अंजाम खतरे मे आने को है..इतना कुछ गर होने को है,तो तौबा तौबा मेरी..तेरी मंज़िले-
मुहब्बत बस तेरी होने को है...