तुझे जीना सिखाए गे..तुझे हंसना भी सिखाए गे..यह लब जो हमेशा सिले रहते है,इन को बोलना भी
सिखाए गे..नन्ही नन्ही बातो पे बेवजह खफ़ा हो जाना..गुफ्तगू हमीं से करने का दिल होना,पर फिर
भी चुप रहना..खुदा से हमारी ही सलामती मांगना,मगर हम को ही नज़रअंदाज़ कर देना..झूठ बोलना
और हम से ही सच छिपा लेना..जब इतना कुछ सिखाए गे तुझे,तो सच बोलना जरूर सिखाए गे..कि
सच तेरे ही मुँह से सुने,यह भी जानम तुझ को ही सिखाए गे..
सिखाए गे..नन्ही नन्ही बातो पे बेवजह खफ़ा हो जाना..गुफ्तगू हमीं से करने का दिल होना,पर फिर
भी चुप रहना..खुदा से हमारी ही सलामती मांगना,मगर हम को ही नज़रअंदाज़ कर देना..झूठ बोलना
और हम से ही सच छिपा लेना..जब इतना कुछ सिखाए गे तुझे,तो सच बोलना जरूर सिखाए गे..कि
सच तेरे ही मुँह से सुने,यह भी जानम तुझ को ही सिखाए गे..