अनंत,अथाह,अखंड प्रेम करते रहे...पर कसूरवार सिर्फ इतना रहे,प्रमाण इस का तुझे कोई दे नहीं पाए..
ख़ामोशी का प्यार कभी बोला नहीं करता..रूह मे जो दबा हो वो बाहर आ नहीं सकता..तक़्दीरों के खेल
बहुत ही निराले है,जो मिट जाते है प्यार मे वो सदा आधे-अधूरे रहते है..जो करते है दिखावा इस प्यार
मे,जो चलते है गहरी चाल इस राह मे..जिन के लिए प्यार इक सौदा है,तक़दीर भी जिन के लिए धोखा
है..समझ तो अब आया कि प्यार का नाम भी धोखा होता है...
ख़ामोशी का प्यार कभी बोला नहीं करता..रूह मे जो दबा हो वो बाहर आ नहीं सकता..तक़्दीरों के खेल
बहुत ही निराले है,जो मिट जाते है प्यार मे वो सदा आधे-अधूरे रहते है..जो करते है दिखावा इस प्यार
मे,जो चलते है गहरी चाल इस राह मे..जिन के लिए प्यार इक सौदा है,तक़दीर भी जिन के लिए धोखा
है..समझ तो अब आया कि प्यार का नाम भी धोखा होता है...