Saturday 2 November 2019

''खुद ही खुद की कदर का एहसास बार-बार दिलाना...कभी आप ने हम को प्यार से पुकारा था,कभी

हम को आप ने अपनी ज़िंदगी मे शामिल भी किया था..''  किसी से प्यार छीना नहीं जाता,किसी को

अपना जबरदस्ती बनाया भी नहीं जाता..इस प्रेम की लौ जब खुद से जले तो ही दो दिलो को रौशन

करती है..''प्यार जिस्मों का मेल नहीं शायद,प्यार दौलत का खेल नहीं शायद..प्यार तो सिर्फ प्यार

है,जो रूह को रूह से जोड़े..प्यार की इंतिहा ऐसी ही है''....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...