'' राहें खोलिए हमारी '' आप के साथ से अब दम घुटता है..नहीं चाहिए इतना प्यार कि तुम्हारे इतने
प्यार से अब डर लगता है...सुन कर हम बदहवास हो रो उठे...वो भी क्या ज़माना था जब हमारे साथ
से आप को सकून मिलता था..खत्म ना होती थी बाते,वक़्त कब कैसे गुजर जाता था..आज काम है
बहुत जयदा,यह बता कर वो हम से बहुत दूर हो गए..आज समझ आया हम को,जयदा प्यार से भी
दम घुट जाता है..हंस दिए खुद के प्यार पे,कशिश प्यार की संभाले अपने घर चल दिए...
प्यार से अब डर लगता है...सुन कर हम बदहवास हो रो उठे...वो भी क्या ज़माना था जब हमारे साथ
से आप को सकून मिलता था..खत्म ना होती थी बाते,वक़्त कब कैसे गुजर जाता था..आज काम है
बहुत जयदा,यह बता कर वो हम से बहुत दूर हो गए..आज समझ आया हम को,जयदा प्यार से भी
दम घुट जाता है..हंस दिए खुद के प्यार पे,कशिश प्यार की संभाले अपने घर चल दिए...