Friday 15 November 2019

'' राहें खोलिए हमारी '' आप के साथ से अब दम घुटता है..नहीं चाहिए इतना प्यार कि तुम्हारे इतने

प्यार से अब डर लगता है...सुन कर हम बदहवास हो रो उठे...वो भी क्या ज़माना था जब हमारे साथ

से आप को सकून मिलता था..खत्म ना होती थी बाते,वक़्त कब कैसे गुजर जाता था..आज काम है

बहुत जयदा,यह बता कर वो हम से बहुत दूर हो गए..आज समझ आया हम को,जयदा प्यार से भी

 दम घुट जाता है..हंस दिए खुद के प्यार पे,कशिश प्यार की संभाले अपने घर चल दिए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...