Monday 11 November 2019

चलना है गर दूर तक साथ मेरे,चेहरे से अपने झूठ का नकाब उतारना होगा..एक झूठ को छुपाने के लिए

एक और झूठ ना बोल,मेरी रूह की आवाज़ तुझे सुन सकती है..दूर जाना है गर मुझ से तो बेवजह के

बहाने ना बना..किसी जंजीर से नहीं बांधा तुम को,किसी वादे के तहत साथ जोड़ा भी नहीं तुम को...

प्रेम का कोई मोड़ नहीं होता..यह वो सहज सरल धारा है,जो नसीब से किसी पाक दिल और पाक रूह

मे बहा करती है..दौलत से नहीं,रुतबे से भी नहीं,यह धारा प्रेम की सिर्फ सच के धरातल पे खड़ी होती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...