खूबसूरत है यह शाम,जितनी सोची थी उस से भी जय्दा खूबसूरत है यह शाम..ख़ामोशी बेशक है आज
इस मे बहुत गहरी,पर एहसास दिला रही है कि गुफ्तगू है बहुत गहरी..गहराई मे डूबी है दो जान,साथ
साथ रहने को बैचैन..कुदरत के करिश्मे का है इंतज़ार,प्यार के सैलाब से महका है इन का संसार..रात
धीरे-धीरे सजने को है तैयार,किस ने किस को अपने रंग मे ढाला..इस का फैसला सिर्फ कुदरत करे गी
आज...
इस मे बहुत गहरी,पर एहसास दिला रही है कि गुफ्तगू है बहुत गहरी..गहराई मे डूबी है दो जान,साथ
साथ रहने को बैचैन..कुदरत के करिश्मे का है इंतज़ार,प्यार के सैलाब से महका है इन का संसार..रात
धीरे-धीरे सजने को है तैयार,किस ने किस को अपने रंग मे ढाला..इस का फैसला सिर्फ कुदरत करे गी
आज...