गौर करे तेरी बातो पे या ज़िंदगी की भूलभुलैया मे ग़ुम हो जाए..कब चाहा था दुनियां के मेले मे चलना,
बस यू ही मशहूर हो गए..पलट कर जो देखे तो दाग़ ज़िंदगी के याद आ जाते है..मसरूफ हो जाए और
इन झमेलों से परे हो जाए,बस इतना ही तो चाहा था..मेहरबान रहा वक़्त हम पे और साथ परवरदिगार
का मिल पाया..कहां से कहां आ गए और जज्बातों ने शोर मचा दिया..अब आलम है यह,देखते है ना
वक़्त..ना दिन ना रात..रचे है मेले मे बस...
बस यू ही मशहूर हो गए..पलट कर जो देखे तो दाग़ ज़िंदगी के याद आ जाते है..मसरूफ हो जाए और
इन झमेलों से परे हो जाए,बस इतना ही तो चाहा था..मेहरबान रहा वक़्त हम पे और साथ परवरदिगार
का मिल पाया..कहां से कहां आ गए और जज्बातों ने शोर मचा दिया..अब आलम है यह,देखते है ना
वक़्त..ना दिन ना रात..रचे है मेले मे बस...