Friday 1 November 2019

ना कर इतना गुमान अपनी सूरत पे..तेरी इस सूरत को तो हम ने कभी देखा ही नहीं..ना इतरा देह पे

अपनी कि इस देह से कोई नाता रखा ही नहीं..प्रेम ना कभी सूरत से ना कभी देह से होता है..वो तो बस

रूह से होता है..तेरी बेवफाई ने आज यह साबित कर दिया कि मुहब्बत,प्यार और प्रेम के फर्क से  तू

कभी वाकिफ हुआ ही नहीं..शायद तुम ही अब काबिल नहीं हमारे शुद्ध प्रेम के..रूह के नाते से तुम कभी

जुड़े ही नहीं..रूह अपनी को मैली ना करना कि तेरी इबादत फिर ना करे सके गे कभी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...