Wednesday 13 November 2019

                                    ''सरगोशियां,इक प्रेम ग्रन्थ''

सरगोशियां--जहां लिखे प्यार,प्रेम के शब्द,आप को अपने से जुड़े लगे..
सरगोशियां--जहां दर्द की लिखी भाषा आप को अपनी सी लगे..
सरगोशियां--जब विरह और जुदाई के मायने आप को रुला दे..
सरगोशियां--जहां प्रेमी अपनी प्रेमिका की याद मे घायल हो और आप उस अहसास को महसूस कर पाए ..
सरगोशियां--जहां शुद्ध प्रेम की प्रतीक''राधा''का रूप,इन शब्दों मे दिख जाये..
सरगोशियां--जहां प्रेम दूर जाने लगे और साथी को दर्द के आंसू दे जाये और आप महसूस कर पाए...
और भी बहुत कुछ,जो आप ''सरगोशियां,प्रेम ग्रन्थ''मे पढ़ सके गे...........आप की अपनी  ''शायरा ''

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...