मुहब्बत की रस्मे बेशक ना निभा,बस करीब मेरे आता जा..इतने करीब,इतने करीब कि हवा को भी
आने की इजाजत लेनी पड़े..कुछ सपने जो अधूरे है तेरे,कुछ सपने जो मेरे भी है अधूरे...मिल के साथ
चल मेरे,अंजाम इन को देने के लिए...फर्क तुझ मे और मुझ मे सिर्फ है इतना,तू सपनो को मुकम्मल
करते हुए डरता है और हम है इतने बेखौफ कि इन सपनो को खुली आँखों से जिया करते है..कौन है
यह लोग,जिन से डरना है..रास्ते तो खुद हम को बनाने है,इन लोगो से क्या लेना है..
आने की इजाजत लेनी पड़े..कुछ सपने जो अधूरे है तेरे,कुछ सपने जो मेरे भी है अधूरे...मिल के साथ
चल मेरे,अंजाम इन को देने के लिए...फर्क तुझ मे और मुझ मे सिर्फ है इतना,तू सपनो को मुकम्मल
करते हुए डरता है और हम है इतने बेखौफ कि इन सपनो को खुली आँखों से जिया करते है..कौन है
यह लोग,जिन से डरना है..रास्ते तो खुद हम को बनाने है,इन लोगो से क्या लेना है..