मौत से जंग लड़ के आए है इस प्यार की दुनियाँ मे जीने के लिए...जीना है कितना इस को, बताए गे
प्यार की भाषा के तले...तिनका-तिनका चुना और घरौंदा खुद से बना,किसी को आने की इजाजत ना
देते बना..जज्बातों के सागर से नींव बनी..पलकों से बना शामियाना,दिल ने सजाए अरमां इस मे और
धड़कनें भूल गई सारा जमाना...जब तक है साँसे,यह शामियाना हमारा है कि मौत की बाज़ी जीती है
हम ने इस प्यार की दुनियाँ मे जीने के लिए...
प्यार की भाषा के तले...तिनका-तिनका चुना और घरौंदा खुद से बना,किसी को आने की इजाजत ना
देते बना..जज्बातों के सागर से नींव बनी..पलकों से बना शामियाना,दिल ने सजाए अरमां इस मे और
धड़कनें भूल गई सारा जमाना...जब तक है साँसे,यह शामियाना हमारा है कि मौत की बाज़ी जीती है
हम ने इस प्यार की दुनियाँ मे जीने के लिए...