Thursday 28 November 2019

मौत से जंग लड़ के आए है इस प्यार की दुनियाँ मे जीने के लिए...जीना है कितना इस को, बताए गे

प्यार की भाषा के तले...तिनका-तिनका चुना और घरौंदा खुद से बना,किसी को आने की इजाजत ना

देते बना..जज्बातों के सागर से नींव बनी..पलकों से बना शामियाना,दिल ने सजाए अरमां इस मे और

धड़कनें भूल गई सारा जमाना...जब तक है साँसे,यह शामियाना हमारा है कि मौत की बाज़ी जीती है

हम ने इस प्यार की दुनियाँ मे जीने के लिए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...