कभी टूट के चाहना तो कभी दिल ही तोड़ देना..कभी बेइंतिहा रुला देना तो कभी प्यार से सकून की नींद
सुला देना..पलकों को भीगने पे मजबूर कर देना,इतना भिगो देना कि बरसात का असर भी फीका
पड़ना..क्या प्यार ऐसा भी होता है..''प्यार को प्यार मे रंगो इतना,कि मिसाल इस से जयदा प्यार की
कोई दे ना सके..पूजा के धागों मे जो बंध जाए इतना कि प्यार को कोई नाम,कोई रिश्ता देना की जरुरत
ना हो..गर प्यार को हर कोई समझ पाता,जान पाता तो प्यार इक दास्तां बन कर ना रह जाता''