कदम बहुत थके है तेरे,अब लौट आ..ज़िंदगी के उजाले बुला रहे है तुझे,अब लौट आ..गर्दिश मे सितारें
तेरे थे कभी,अब जो होना है वो करे गा नामुमकिन को भी मुमकिन..यकीं कर मेरी बातो का,अँधेरे के
बाद कभी-कभी सुनहरी सुबह भी आती है..जो तेरे नाम को रौशन कर दे,ऐसी सुबह बस आने को है..
डगमगाए गे ना कदम अब तेरे,जो चाहा था तूने वो बस होने को है..कदम अब बहुत थक गए है तेरे,
लौट आ...अब लौट आ...
तेरे थे कभी,अब जो होना है वो करे गा नामुमकिन को भी मुमकिन..यकीं कर मेरी बातो का,अँधेरे के
बाद कभी-कभी सुनहरी सुबह भी आती है..जो तेरे नाम को रौशन कर दे,ऐसी सुबह बस आने को है..
डगमगाए गे ना कदम अब तेरे,जो चाहा था तूने वो बस होने को है..कदम अब बहुत थक गए है तेरे,
लौट आ...अब लौट आ...