प्यार की इंतिहा है कितनी..यह सवाल तेरा कैसा है..''जब हर कण मे प्यार दिखे,हर पत्ते मे,हर जीव
मे प्यार दिखे..हवा के हर झोके मे,धरा से आसमां तक..हमारी नज़र मे प्यार ही प्यार हर और है..तेरा
सवाल बेबुनियाद है..जब हम को हर जान-बेजान मे प्यार दिखे तो सोचिए जानम,तेरी जगह कैसी
होगी..शक ना कर अपने प्यार पे,तूने ही पूछी है इंतिहा मेरे प्यार की..सब जगह प्यार ही प्यार है,मगर
मुहब्बत की खास जगह तो तेरे साथ है'' ...
मे प्यार दिखे..हवा के हर झोके मे,धरा से आसमां तक..हमारी नज़र मे प्यार ही प्यार हर और है..तेरा
सवाल बेबुनियाद है..जब हम को हर जान-बेजान मे प्यार दिखे तो सोचिए जानम,तेरी जगह कैसी
होगी..शक ना कर अपने प्यार पे,तूने ही पूछी है इंतिहा मेरे प्यार की..सब जगह प्यार ही प्यार है,मगर
मुहब्बत की खास जगह तो तेरे साथ है'' ...