किस ने किस को खोया,चलता वक़्त बताए गा...किसी रोज़ हम खो जाए गे अपनी मासूम दुनियाँ मे,
जहाँ से लौट कर फिर ना आ पाए गे..किलकारी इक बहती धारा,नन्ही हंसी पे हम ने दिल हारा..माथे
का तिलक बन गया उन सब का सवेरा,जिस जिस ने जीवन का दुःख हम से बांटा..तुम पारियों की वो
रानी हो,धरती की महारानी हो..पाँव छू लिए हम ने नन्हे,अब कौन है रानी और कौन महारानी..यह तो
चलता वक़्त बताए गा...
जहाँ से लौट कर फिर ना आ पाए गे..किलकारी इक बहती धारा,नन्ही हंसी पे हम ने दिल हारा..माथे
का तिलक बन गया उन सब का सवेरा,जिस जिस ने जीवन का दुःख हम से बांटा..तुम पारियों की वो
रानी हो,धरती की महारानी हो..पाँव छू लिए हम ने नन्हे,अब कौन है रानी और कौन महारानी..यह तो
चलता वक़्त बताए गा...