Friday 29 November 2019

हम खामोश क्यों है इतना.गर इतना ही पूछ लिया होता हम से, तो जान पाते कि क्यों इतना खामोश

है..सागर की अपार गहराई मे छिपे मोती,निकाल लेना आसान नहीं होता..बस वैसे ही हम को जान

पाना आसान नहीं होता..साँसों का साँसों के सामने निकलना,कभी देखा है..जो अपना नहीं मगर,उस

को अपनी आँखों के सामने जाते देखा है..अंतर बेशक जय्दा नहीं,पर यह भी तभी जान पाते जब हम

से यह पूछा होता कि हम इतने खामोश क्यों है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...